सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर बिहार के राजद नेता रजनीश यादव की खुशी कैसी!

झारखंड सरकार के मंत्री और राजद कोटे से विधायक संजय यादव के पुत्र रजनीश यादव को सूर्या हांसदा के एनकाउंटर के बाद इतना उत्साहित और प्रसन्न देखा गया कि वे खुद को रोक नहीं पाए। एक पोर्टल में मीडिया से इंटरव्यू में उन्होंने गोड्डा पुलिस को भी बधाई दी। लेकिन बाद में उन्हें लगा कि चीजें गड़बड़ हो गई थीं, तो उन्होंने उसे डिलीट कर दिया। सूर्या हांसदा के एनकाउंटर के बाद रजनीश यादव ने डिलीट किया गया वीडियो बनाया था। ऐसा खबर लोकतंत्र19 से दिया गया है।

लोकतंत्र19 खबर की जानकारी से पता चला है किबिहार की राजद पार्टी के सदस्य संजय यादव का बेटा रजनीश यादव है। यह एक बिहारी पार्टी है। राजद प्रदेश युवा मोर्चा में कोई महासचिव या पदाधिकारी नहीं है। फेसबुक पर उनके बारे में बहुत कुछ लिखा हुआ है। रजनीश यादव झारखंड सरकार के संजय यादव के पुत्र हैं। वह लन्दन से पढ़कर आया है। उनके अपने कोई लाभ नहीं हैं, तो वे निश्चित रूप से पिताजी के नाम की उपलब्धि प्राप्त करेंगे. आज वह भागलपुर, बिहार की सीट कहलगाँव से है. वह कुछ राजनीति कर रहे हैं और अपने पिता लालू यादव और आदिवासियों के सामाजिक न्याय के पुरोधा शिबू सोरेन से मिलते रहते हैं।

रजनीश यादव शायद लन्दन से पढ़कर आए हों, लेकिन उनमें सामाजिक न्याय की कोई चर्चा नहीं है, कोई संवेदना नहीं है. झारखंड पुलिस ने आदिवासी नेता सूर्या हांसदा को गिरफ्तार किया, परिवार के लोग झूठ बोल रहे हैं, पत्नी रो रही है, माँ रो रही है, 350 बच्चे सीबीआई से न्याय की मांग कर रहे हैं, और राजद नेता के बेटे का बेटा पुलिस को बधाई दे रहा है.

गुरुजी को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया था, और जो राजद उनके पैर छू रहे थे, वह चला गया। गोली मारने का आदेश उन लोगों को दिया गया जो उनके पैर छू रहे थे। लेकिन समय के साथ, वह इस देश के सबसे बड़े आदिवासी नेता बन गए। शायद सूर्या हांसदा भी रजनीश यादव को जिंदा रखता तो भी मैं नहीं जानता कि वह इतना खुश क्यों है। लालू यादव के खिलाफ मामले में क्या कहा जाता है? राजद ने कहा कि सामाजिक न्याय का पुरधा परेशान है। दलित लोगों को परेशान किया जा रहा है। आदिवासी दलितों को परेशान किया जा रहा है।

यही बातें गुरुजी शिबू सोरेन पर मुकदमा चलने के बाद सामने आईं। लेकिन सूर्या हांसदा को एनकाउंटर में मार डाला गया था। इसलिए बिहारी रजनीश यादव खुश है। उन्होंने उसे छोड़ दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि उन्हें डिलीट नहीं करना चाहिए था, क्योंकि उन्हें वीडियो देखने के लिए जाना चाहिए था। रजनीश यादव का पुलिस द्वारा किए गए एनकाउंटर से क्या संबंध था? रजनीश यादव के परिवार के मनोज यादव चाचा, अवैध कोयला ढोने वाले माफियाओं और अवैध बालू उठाने वाले माफियाओं पर लगाए गए आरोपों में से एक हैं।

झारखंड के लोगों को बिहार से आए व्यक्ति संजय यादव और रजनीश यादव मूर्ख बना रहे हैं। संजय यादव जनता को मूर्ख बना रहा है। संजय यादव यहां राजद मंत्री हैं, जबकि उनके भाई मनोज यादव बिहार में विधायक हैं, जदयू से। यह लड़ाई लड़ रहे लोग, आप और हम, बीजेपी झारखंड के लोग, बीजेपी, जेएमएम और कांग्रेस, यादव हैं, बिहारी हैं, और राजद और जदयू दोनों में हैं।

कल्पना कीजिए कि तेजस्वी यादव दिन-प्रतिदिन संजय यादव और उनके भाई को जदयू के नेता को गाली देते रहते हैं। सोचिए और झारखंड के लोगों की लड़ाई जारी रहेगी। यही कारण है कि सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले में हम गोड्डा, ललमटिया, डकैता और महगामा इलाके में अवैध खनन, कोयला और बालू ढलाने का विरोध कर रहे हैं, जैसा कि कंटिन्यू परिवार के सदस्यों और बीजेपी के कई नेताओं ने कहा है। तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महालक्ष्मी का नाम सामने आया, जिसकी ट्रकों पर आरोप लगा है।

जब महालक्ष्मी की ट्रकें निकलती हैं, तो कोई सीटीओ चेक नहीं होता, कोई ओवरलोडिंग चेक नहीं होता, कोई पेपर चेक नहीं होता, और न ही चालान चेक होता है। महालक्ष्मी ईसीएल से कोयला अडाणी को देती है, जो एक थर्ड पार्टी है या किसी भी तरह की पार्टी है। महालक्ष्मी ट्रकें ईसीएल से अडानी को कोयला उत्पादित करती हैं। ईसीएल खदान से ललमटिया, डकैता, महगामा, ननाजोर, पथरगामा और गोड्डा होते हुए अडानी तक जाता है।

यह भी पता चला कि इस महालक्ष्मी ने अवैध कोयला ढुलाई का भी लगातार विरोध किया था। दूसरा, कि महालक्ष्मी से ही सनातन था, अर्थात् महालक्ष्मी के ट्रक से ही, और वह पथरगामा, महगामा होते हुए लालमटिया की ओर जाता था और फिर बाकी क्षेत्रों में बिकता था। सूर्या भी इसका विरोध करता था। प्रशासन भी महालक्ष्मी ट्रक्स नाम को किसी भी ट्रक के गोड्डा में लिखने से रोक सकता है। उसका चालान और स्पीड दोनों नहीं देखे जाएंगे। कुछ भी जांच नहीं होगी। जब बहुत विरोध हुआ, तो पांच-सात ट्रकों को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सूर्या विरोधी ट्रकों को छोड़ दिया गया।

यह सब जांच किया जाना चाहिए, जैसे कि सीसीटीवी कैमरे जहां-जहां भी लगे हुए हैं और महालक्ष्मी का ट्रक किसका है और इतना अवैध तरीके से कैसे चलता है? लगता है कि सैकड़ों लोग भी इन चीजों का विरोध करते हैं।

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