सूर्या हांसदा के Wife और बच्चे से मिले #tigerjayrammahto #suryahasnsdak गाँव जाकर क्या कहा?

टाइगर जयराम महतो ने उनकी पत्नी से उनकी माता से काफी लम्बी देर तक बातचीत हुई उनके जो बच्चें पड़ते है उनसे भी जयराम उनसे भी मिले है उनसे सवाल जावब भी किये जो बहुत तेज तरार और काफी शार्प माइंड के बच्चें है काफी होनहार के बच्चें है, तो उनकी माता और पत्नी के बाद यही लगा कि प्रशासन दो थाना की पुलिस पिछले कई दिनों से लगातार दबाव बना रहे थे सरेंडर को लेकर। उनकी पत्नी का कहना है कि केस तो बहुत सारे है।

कुछ दिन पहले घटना घाटी जिससे माइंस से है। माइंस से तो जाहिर सी बात है माइंस की मनमानी है और मनमानी इतनी कि तो वहाँ लोकतंत्र कहिए ही नहीं है। वहाँ पर तनाशाही चलती है। कभी आज जो परिस्थितियाँ है हनन के क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्रों में कंपनी के क्षेत्रों में आज भी ब्रिटिश इंडिया कंपनी के तर्ज पर उन्हें लगता है कि मनमानी चल रही है।

सूर्या हांसदा स्वास्थ्य की बातें करते थे कि पहले स्वास्थ्य की व्यवस्था करें और फिर स्कूलों की व्यवस्था करें। फिर अपने कंपनी का काम करें। पहाड़ो को ना कटा जाए। अवैध माइनिंग ना हो। तो ये सब चीजों को अपनी आवाज को बुलंद करते थे।

गोड्डा के Sp हर बात पर रील बनाते है। जहाँ भी जाते वहीं पर रील बनाने लगते है। जयराम का कहना है कि सूर्या भाग रहा था तो रील दिखाई। वीडियो क्यों नहीं बनाया। उसने सूर्या की बॉडी पर कट और जलने का निशान है। अगर गोली लगी होती तो सीधे बॉडी के आरपार हो जाता। बॉडी पर जलने और काटने का निशान क्यों है। इसका सीबीआई की जाँच हो क्योंकि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। लोकतान्त्रिक देश में सब का हक है।

इनपर जो भी एफआईआर(FRI) हई है इन सब किसी ना किसी कंपनी से या कोई पूजीपति से था। दिशाम गुरजी के समय महाजन थे अब यही पूजीपति कंपनी का मालिक है। आज जो कंपनी जबरन जल, जंगल और जमीन को हड़प रहे है। बिना वेतन ही काम करते है। थाना में इन कंपनी का ही चलता है। पुलिस इन कंपनी के इसारे पर ही चलता है। कंपनी के खिलाफ जाने पर वे रात को पुलिस के द्वारा उठा ले जाता है। ये तो हर जगह हो रहा है। गोड्डा में ही नहीं धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, गिरिडीह, जमशेदपुर आदि जगहों पर हो रहा है।

सूर्या हांसदा कंपनी के गलत नीति अवैध नीति अवैध खनन के खिलाफ था। जो कंपनी सही से काम कर रही थी उनसे उनका सही सवाल था कि सीएसआर(CSR) का मंद कहा है? सीएसआर(CSR) यानि 2% शिक्षा स्वास्थ्य में ख़र्च हो रहा है कि नहीं। अगर कंपनी लीगल भी है। इललीगल तो बहुत सारे है। इनकी सवाल के चलते पुलिस प्रशासन उन कंपनी के इसारे पर काम करती है। अगर पूजीपति लोग इसारे कर दे तो एक गाँव को इनकांउटर करने की व्यवस्था है।

टाइगर जयराम महतो गुरूजी शिबू सोरेन और भगवान बिरसा मुंडा की चर्चा करते हुई कहा कि दिशाम गुरूजी वह भी जल जंगल जमीन की लड़ाई करते थे। महाजनो ने उन्हें भी मरने की कोशिश किया था पर नहीं कर पाए। भगवान बिरसा मुंडा भी जल जंगल जमीन को लेकर लड़ाई किए थे। आज का शासन प्रशासन लोगों को नक्सली का टापा लगा देते है।

टाइगर जयराम ने अंत में सूर्या के बारे में इतना ही कहना है। अगर सूर्या के इनकांउटर को जानने के लिए महाश्वेता देवी की किताब की चर्चा किया जो बहुत बड़े उपन्यासकर है। उस किताब के नाम है जंगल के दावेदार। उसमें एक बड़ी मार्मिक पंक्ति लिखी है कि “जब तक इन जंगलों में विद्रोही है। जब तक इन जंगलों में बागी लोग भड़ घूम रहे है तब तक ये जंगल की सलामत है नहीं तो इन जंगलों में बुलडोजर दौड़ेगा” । सूर्या हांसदा हाथ के इनकांउटर को जानना है तो जसिंत बहन की कविता के पंक्ति की बात कही है। उस पंक्ति में लिखा है “सेना का रूप किधर है जंगल पहाड़ मेरा गाँव जिधर है “। और सोनू मरावी की कविता के बारे में भी बोले। चांद कौड़ी के लालच में लूट गए ममेरे माटी और बन छोड़ मेरी मातृभूमि का हुआ मेरा विस्थापन आज दर- दर भटक रहा हूँ आज रोजीरोटी मकान के लिए मेरा आदिवासी होना काफी है पहचान के लिए अरे विकास और समसरता तो बहाना है असल मकसद जल , जंगल, जमीन को जट करके जाना है।

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