बबीता: पहली डिप्टी कलेक्टर, पहाड़िया समाज का एक मिसाल बनी।दुमका के डीसी ने उनका विशेष सम्मान किया।

दुमका डीसी ने पहली आदिम जनजाति पहाड़िया महिला डिप्टी कलेक्टर बबीता को सम्मानित किया। बबीता: पहली डिप्टी कलेक्टर, पहाड़िया समाज का एक मिसाल बनी।

बबीता कुमारी झारखंड राज्य के दुमका जिले के आसनसोल गांव की निवासी हैं। वे पहाड़ी परिवारों से आते हैं जो बहुत गरीब थे। पिता एक निजी स्कूल में हेल्पर का काम करते है, और माता घर पर काम करती है। परिवार इतने आर्थिक रूप से कमजोर थे कि बबिता की जेपीएससी में सफलता के बाद मिठाई खरीदने का खर्च तक नहीं उठा पाए। इसलिए उनकी माँ ने उन्हें चीनी खिलाकर खुश हो गई।

बबीता प्रारंभिक शिक्षा दुमका से ही पढ़ाई की। उन्होंने महंगे संसाधन और कोचिंग संस्थान नहीं होने के बावजूद यूट्यूब और गूगल का उपयोग करके स्व-अध्ययन द्वारा तैयारी की और सिर्फ अपने आप पर विश्वास रखा।

JPSC (झारखंड संयुक्त सिविल सेवा2025 परीक्षा) में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 337वीं रैंक हासिल की और प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनीं। यह पहली बेटी है जो आदिम पहाड़िया समुदाय में जन्मी है।

बबीता ने नशे से दूर रहने और शिक्षा को शक्तिशाली हथियार बनाने का आह्वान किया। उनका मानना है कि बड़ी से बड़ी चुनौतियों को समर्पित मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से पार किया जा सकता है।

हाल ही में, बबीता को दुमका के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) ने पहाड़िया समुदाय की पहली डिप्टी कलेक्टर के रूप में सम्मानित किया। यह सम्मान बबीता की एकमात्र उपलब्धि नहीं है; यह पूरे पहाड़िया समाज के लिए एक प्रेरणा है।

डीसी ने अपने भाषण में कहा कि बबीता की सफलता ने पहाड़िया समुदाय, खासकर विलुप्तप्राय स्थिति में रह रहे लोगों, के लिए आशा और विकास की नई किरण दी है। स्थानीय अधिकारी और समाज के प्रतिनिधि भी इस सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित थे और इस कदम की सराहना की।

बबीता कुमारी की 337 रैंक है जो पहाड़िया समुदाय की बेटी से पहली डिप्टी कलेक्टर बनने का सम्मान: दुमका के डीसी द्वारा विशेष सम्मान: प्रेरणा: शिक्षा और इच्छाशक्ति ने आर्थिक अभाव को पार किया: नशे से दूरी, शिक्षा को हथियार बनाएं: सरकारी हस्तक्षेप, आधारभूत सुविधाएं, विकास योजनाएँ, समिति गठन का सुझाव।

यह प्रेरक कहानी बताती है कि शिक्षा और दृढ़ इच्छाशक्ति कठिन परिस्थितियों में भी सामाजिक सीमाएँ तोड़ सकती हैं। बबीता कुमारी की सफलता ने पहाड़िया समुदाय को सम्मान और प्रेरणा दी है।

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