धनबाद के बरवाअड्डा इलाके में असली किन्नरों ने एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें सामान्य युवक किन्नर का वेश धारण कर लोगों को ठग रहे थे। रविवार देर रात झारखंड प्रदेश किन्नर बोर्ड की जिला सदस्य श्वेता और उनके साथियों ने मिलकर इन आठ युवकों को रंगे हाथों पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया। इसी माह आसनसोल में भी नकली किन्नरों को ट्रेन से पकड़ा गया था।
लंबे समय से स्थानीय लोगों की शिकायत मिल रही थी कि कुछ लोग किन्नर बनकर जीटी रोड पर वाहनों और राहगीरों से जबरन पैसे वसूल रहे हैं। यही नहीं, ये मौका पाकर लोगों के मोबाइल और पैसे भी छीन लेते थे, जिससे किन्नर समाज की बदनामी हो रही थी। रविवार की रात, ऐसी ही एक सूचना मिलने पर श्वेता अपनी टीम के साथ बरवाअड्डा के किसान चौक पहुंचीं।
जब नकली किन्नरों ने असली किन्नरों को देखा, तो वे भागने लगे। श्वेता और उनके साथियों ने उनका पीछा किया और स्थानीय लोगों की मदद से सभी को धर दबोचा। इसके बाद, जमकर पिटाई करने के बाद इन सभी को बरवाअड्डा पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पूछताछ में पता चला कि ये सभी युवक भूली और गांधीनगर समेत धनबाद के ही अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं।
श्वेता ने पुलिस से इन नकली किन्नरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये लोग किन्नर बनकर ना सिर्फ ठगी कर रहे हैं, बल्कि गलत कामों में भी लिप्त हैं। इस कारण नकली किन्नरों के कारण असली किन्नर बदनाम हो रहे हैं, जो समाज में सम्मान के साथ जीना चाहते हैं।
श्वेता ने चेतावनी दी है कि उनका यह अभियान जारी रहेगा और ऐसे छद्मवेशी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना दर्शाती है कि समाज में असली और नकली का भेद करना कितना ज़रूरी है, खासकर जब कोई समाज की आड़ में गलत काम कर रहा है।






