हेमंत सरकार मंईयां सम्मान योजना की लाभुक महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए अब एक नई योजना, “मंईयां बलवान” शुरू होने जा रही है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य महिलाओं को उद्यमी बनाना है। योजना की लगभग 25 से 30 लाख लाभुक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी मंईयां आजीविका के विभिन्न स्रोतों से जोड़ा जाएगा।लक्ष्य है इन महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानना है कि महिलाओं को अपने और परिवार के सर्वांगीण विकास में लगाए पड़ने वाली अतिरिक्त धन की आवश्यकता को मंईयां से पूरा किया जाएगा।

सरकार चाहती है कि मंईयां सम्मान योजना से मिलने वाली मासिक 2500 रुपये की सहायता केवल बैंकों में नहीं पड़ी रहेगी, बल्कि इसका उपयोग महिलाओं को उनके व्यवसायों को शुरू करने में करना चाहिए। राज्य सरकार चल रही जोहार योजना के तहत धन देगी। स्टार्टअप पूंजी और अन्य वित्तीय संसाधन महिलाओं को प्राप्त होंगे। सरकार उसे अपनी दुकान खोलें, मुर्गी पालन करें या छोटी गाड़ी या ट्रैक्टर खरीदने में मदद करेगी। योजना को ग्रामीण विकास विभाग की मदद से कार्यान्वित किया जाएगा। झारखंड में इस समय लगभग 32 लाख महिलाएं एसएचजी से जुड़ी हुई हैं।
उत्पादों को पलाश के ब्रांड और बाजार से जोड़ा जाएगा।
सरकार पलाश ब्रांड सहित अन्य बाजारों को महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों से जोड़ने की योजना बना रही है। गांवों में सहकारी समितियों और संघों की स्थापना की योजना है, ताकि छोटे कारोबार बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन सकें। जोहार योजना ने दिखाया कि मौका मिलने पर महिलाएं महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं।
महिलाओं को अपने परिवार का भविष्य बनाने का अवसर।
मुख्यमंत्री का हेमंत सोरेन का विचार है कि अगर महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तो पूरा समाज आगे बढ़ेगा। ऐसे में, झारखंड की महिलाओं को इस योजना से अपना और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित करने का मौका मिलेगा। ध्यान दें कि अगस्त 2024 से मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रति महीने 2500 रुपये मिल रहे हैं।
थन्यवाद






